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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की अनुशंसा पर अपनी मुहर लगाई है। जाखड़ को पार्टी के सभी पदों से हटाने तथा दो साल के लिए निलंबित करने की सिफारिश की गई थी। सूत्रों ने बताया कि समिति ने मेघालय के पांच विधायकों को निलंबित करने का फैसला हुआ है।

 

कांग्रेस ने ‘अनुशासनहीनता’ के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को पार्टी के सभी पदों से हटाने और केरल इकाई के वरिष्ठ नेता केवी थॉमस को प्रदेश कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति एवं कार्यकारी समिति से हटाने का फैसला किया है।

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की अनुशंसा पर अपनी मुहर लगाई है। इससे पहले, सूत्रों ने जानकारी दी थी कि समिति ने अनुशंसा की है कि जाखड़ को पार्टी के सभी पदों से हटाया जाए तथा दो साल के लिए निलंबित किया जाए। सूत्रों ने बताया कि समिति ने मेघालय के पांच विधायकों को निलंबित करने का फैसला हुआ है। इन विधायकों ने पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर प्रदेश सरकार का समर्थन करने का फैसला किया था।

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कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी की अध्यक्षता वाली इस समिति की मंगलवार को बैठक हुई जिसमें इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। जाखड़ के खिलाफ निलंबन जैसी कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ”जाखड़ पंजाब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं और उनके अलावा कुछ अन्य नेताओं ने भी बयानबाजी की थी। ऐसे में उन्हें सभी पदों से हटाने का फैसला हुआ।”

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उधर, समिति की बैठक से पहले जाखड़ ने इशारों-इशारों में शायरी के माध्यम से कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, ”आज, सर कलम होंगे उनके, जिनमें अभी ज़मीर बाकी है !”

गौरतलब है कि कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं सुनील जाखड़ और के. वी. थॉमस को, अनुशासनहीनता के आरोपों को लेकर गत 11 अप्रैल को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। थॉमस का जवाब मिल गया था, लेकिन जाखड़ की तरफ से जवाब नहीं आया था।

जाखड़ ने गत मंगलवार को कहा था कि उन्होंने पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की ओर से दिए गए ‘कारण बताओ’ नोटिस का जवाब नहीं दिया है और समिति को जो फैसला करना है, वह कर ले। सुनील जाखड़ पर विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देने तथा पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ करने का आरोप है।

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कांग्रेस नेता उदित राज ने पिछले दिनों खुलकर यह मांग की थी कि जाखड़ को पार्टी से निष्कासित किया जाए। दूसरी तरफ, केरल से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सांसद थॉमस पिछले दिनों पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर राज्य में सत्तारूढ़ माकपा की एक संगोष्ठी में शामिल हुए थे। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी।