पंजाब में 20 फरवरी को मतदान होने वाले हैं। मतदान से पहले पंजाब में राजनीति चरम पर है। इसी बीच आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas ) ने आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर बड़ा आरोप लगाया है।
कुमार विश्वास ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में अलगाववादियों के समर्थक थे।विश्वास ने कहा, “एक दिन, उन्होंने मुझसे कहा कि वह या तो (पंजाब के) मुख्यमंत्री बनेंगे या एक स्वतंत्र राष्ट्र (खालिस्तान) के पहले पीएम होंगे।”
कुमार विश्वास ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल को यह समझना चाहिए कि पंजाब सिर्फ एक राज्य नहीं है वह एक भावना है। मैंने पहले उनसे कहा था कि अलगाववादी और खालिस्तानी संगठनों से जुड़े हुए लोगों का साथ न लें।तो केजरीवाल ने मुझसे कहा था कि नहीं-नहीं हो जाएगा।’ कुमार विश्वास ने कहा, ‘मैंने उसको कहा कि ये जो अलगाववादी संगठन हैं, खालिस्तानी मूवमेंट से जुड़े लोग हैं, इनका साथ मत ले, पिछले चुनाव में और उसने कहा था कि नहीं नहीं हो जाएगा, चिंता मत कर।’
#WATCH | Poet & former AAP leader Kumar Vishwas alleges AAP chief Arvind Kejriwal was supportive of separatists in Punjab
"One day, he told me he would either become CM (of Punjab) or first PM of an independent nation (Khalistan)," Vishwas says. pic.twitter.com/5ccGs9jNn3
— ANI (@ANI) February 16, 2022
कुमार विश्वास ने दावा किया, ‘एक दिन मुझसे कहता है कि तू चिंता मत कर या तो मैं एक स्वतंत्र सूबे का मंत्री बनूंगा. मैंने कहा कि ये अलगाववाद है। 2020 का रेफरेंडम आ रहा है, पूरी दुनिया फंडिंग कर रही है। तो कहता है कि तो क्या हो गया। स्वतंत्र देश का पहला प्रधानमंत्री बनूंगा। इस आदमी के थॉट में इतना ज्यादा अलगाववाद है। बस किसी तरह सत्ता मिले।’
राहुल गांधी ने भी केजरीवाल पर लगाए थे आरोप
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी केजरीवाल पर इसी तरह के आरोप लगाए थे। पंजाब में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था, पंजाब को चाहिए स्थिर सरकार मैं चाहता हूं कि आप याद रखें कि चाहे कुछ भी हो जाए, आपको एक आतंकवादी के घर में कांग्रेस का नेता नहीं मिलेगा, लेकिन झाड़ू के सबसे बड़े नेता (अरविंद केजरीवाल) वहां मिलते हैं। पंजाब के सामने खतरा है। जिसके लिए चरणजीत चन्नी जैसे मजबूत सीएम की जरूरत है।
कभी साथी हुआ करते थे केजरीवाल और विश्वास
उल्लेखनीय है कि 2012 में भष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए अन्ना आंदोलन के दौरान कवि कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल करीब आए थे। अन्ना आंदोलन के खत्म होने के बाद जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो कुमार विश्वास भी संस्थापक सदस्यों में शुमार थे। पार्टी के गठन के बाद केजरीवाल और कुमार विश्वास की दोस्ती परवान चढ़ी। हालांकि दिल्ली की सत्ता में आप की सरकार बनने के बाद कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के रिश्ते खराब होने लगे।
इतना ही नहीं कुछ वक्त बाद ही कुमार विश्वास ने न्होंने आम आदमी पार्टी से पूरी तरह से दूरी बना ली। केजरीवाल के मतभेदों के चलते AAP से दूरी बनाने वाले कुमार विश्वास पिछले कई सालों से आम आदमी पार्टी सरकार की कई नीतियों के आलोचना करते रहे हैं।