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जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने भोपाल के ईएनसी ऑफिस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा प्रदेश में बाँधों में जल-भराव, जल निकासी और नहरों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की।

 

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाँधों और नदियों में जल-भराव की स्थिति पर निगाह रखें और उसकी प्रति घण्टे की रिपोर्ट बना कर मुख्यालय को भेजें। मौसम विभाग की सूचना अनुसार बाँधों से जल निकासी की व्यवस्था बनायें रखें, जिससे अतिवर्षा की स्थिति में आने वाले पानी से विकट स्थिति निर्मित न हो। अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा, प्रमुख अभियंता श्री मदन सिंह डाबर भी उपस्थित रहे।

मंत्री श्री सिलावट ने सभी संभागीय अधिकारियों से चर्चा कर उनके क्षेत्र के बाँधों में वर्षा स्थिति, बाँधों में जल-भराव और निकासी की जानकारी ली। अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा ने बताया कि भोपाल संभाग में अतिवर्षा से बेतवा का जल स्तर निरन्तर बढ़ रहा है और बेतवा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। होशंगाबाद में नर्मदा नदी में जल स्तर बढ़ा हुआ है, पर खतरे वाली कोई स्थिति नहीं है। बरगी/तवा डेम से रणनीतिक तरीके से पानी छोड़ने से चिंताजनक स्थिति निर्मित नहीं हो पाई है। वर्तमान में तवा डेम के सभी गेट बंद कर दिये गये हैं।

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प्रदेश के सभी वृहद और मध्यम बाँध सुरक्षित हैं। नहरों को भी किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है। श्री मिश्रा ने बताया कि प्रदेश से तूफान गुजर चुका है और राजस्थान की बढ़ते हुए कमजोर पड़ गया है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में गांधी सागर से पानी छोड़ने पर जल स्तर बढ़ा है, किन्तु स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। जल संसाधन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिला प्रशासन और संभागायुक्त से निरन्तर संपर्क में रहें और आपदा की स्थिति निर्मित होने की संभावना पर तुरन्त इसकी सूचना दें। राज्य स्तरीय कन्ट्रोल रूम और अपर मुख्य सचिव को इसकी जानकारी दें, जिससे आपदा प्रबंधन के कार्य समय पूर्व किये जा सकें और जन-धन हानि को रोका जा सके। मंत्री श्री सिलावट ने सभी मुख्य अभियंता को निर्देश दिये उनके कार्य क्षेत्र में निर्माणाधीन बांधों की लगातार मॉनीटरिंग करते हुए उनकी सुरक्षा के लिये भी ठेकेदारों को आवश्यक निर्देश जारी करें। मंत्री सिलावट ने सभी अधिकारियों को कहा कि मिशन मोड में काम करें और वर्षा का रेड अलर्ट घोषित होने पर डेम में आने वाले पानी को देखते हुये पानी निकासी व्यवस्था पर तुरन्त निर्णय लें। आस-पास के संभागों और जिलों में भी सम्पर्क में रहें, जिससे बाँधों में पानी की स्थिति पर त्वरित कार्यवाही की जा सके। सभी विभागीय अधिकारी फील्ड में लगातार भ्रमण करते रहे और अद्यतन स्थिति की जानकारी से मुख्यालय को भी अवगत कराए। वीडियो कांफ्रेंसिंग में रीवा, ग्वालियर, सतना, इन्दौर, मन्दसौर, नर्मदा ताप्ति बेसिन संभाग से अधिकारी वर्चुअल जुडें।

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