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 दिल्ली के उपमुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी सिसोदिया पहले से ही दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं।

 

उन्हें सीबीआई ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद घोटाले में हुए मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था। गुरुवार को सीबीआई ने दिल्ली फीडबैक यूनिट मामले में सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोप है कि सिसोदिया ने जासूसी कराई थी।

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दिल्ली सरकार की ‘फीडबैक यूनिट’ में अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने मनीष सिसोदिया समेत सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। उनपर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ है। सभी पर बेईमानी से संपत्ति का गबन करने, आपराधिक साजिश रचने, लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात करने, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी करने, जाली दस्तावेज इस्तेमाल करने, बैंक अकाउंट्स हेराफेरी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।

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2015 का है जासूसी मामला

जिस जासूसी मामले में सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज हुआ है वह 2015 का है। उस वक्त अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार ने एक “फीटबैक यूनिट” स्थापित की थी। यह यूनिट सतर्कता विभाग के अधीन काम कर रही थी, जिसके मंत्री सिसोदिया थे। आरोप है कि फीटबैक यूनिट का इस्तेमाल विपक्षी दलों के नेताओं और अन्य लोगों की जासूसी के लिए किया गया।

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सतर्कता विभाग के एक अधिकारी को 2016 में फीटबैक यूनिट के खिलाफ शिकायत मिली थी। वह अधिकारी फीडबैक यूनिट में भी काम कर चुके थे। शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू की गई थी। दिल्ली भाजपा द्वारा जासूसी मामले में सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की जा रही थी।