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दिल्ली में कोरोना संक्रमण की विस्फोटक स्थिति देखने को मिल रही है। बीते दो दिन में ही दैनिक संक्रमण के मामले दोगुना तक बढ़ गए हैं। वहीं पिछले एक दिन में कोरोना के नए मरीजों में 37 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनके अलावा संक्रमण दर भी लंबे समय बाद 2.44 फीसदी दर्ज की गई है जो महामारी के प्रसार की ओर इशारा भी कर रही है। 

शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि पिछले एक दिन में 1796 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इस दौरान 467 मरीजों को छुट्टी मिली है। राहत की बात है कि संक्रमण से किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। विभाग के अनुसार पिछले एक दिन में 73590 सैंपल की जांच हुई जिनमें 2.44 फीसदी सैंपल कोरोना संक्रमित मिले हैं।

इससे ठीक एक दिन पहले दिल्ली में 1313 लोग संक्रमित मिले थे और उस दौरान संक्रमण दर 1.78 फीसदी थी। वहीं बुधवार को एक दिन में 923 लोग संक्रमित मिले थे और संक्रमण दर 1.29 फीसदी थी। विभाग के अनुसार पिछले एक दिन में ही कोरोना के नए मामलों में 483 की बढ़ोतरी हुई है।

बहरहाल राजधानी में कुल कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 1448211 हुए हैं जिनमें से अब तक 1418694 ठीक भी हुए हैं लेकिन 25107 मरीजों की मौत हुई। हर दिन संक्रमण बढ़ने की वजह से सक्रिय मामले भी अब चार हजार पार यानी 4410 हुए हैं जिनमें से 2284 मरीज अपने घरों में आइसोलेशन में हैं लेकिन 226 मरीजों का उपचार अस्प्तालों में चल रहा है। वहीं 146 मरीजों को कोविड निगरानी केंद्र में रखा गया है।

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कोरोना के तीन मरीज वेंटिलेटर पर
अलग अलग अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार 226 उपचाराधीन मरीजों में से तीन की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। ये सभी मरीज वेंटिलेटर पर हैं। वहीं 82 कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि 226 में से 135 मरीज दिल्ली के निवासी हैं जबकि अन्य 24 बाहरी राज्यों से हैं। उपचाराधीन 101 मरीजों में संक्रमण का असर काफी कम है। इन्हें ऑक्सीजन के सपोर्ट पर नहीं रखा गया है।

40 कोरोना मरीज संदिग्ध, लक्षण जरूर
दिल्ली एयरपोर्ट पर 40 संदिग्ध लोगों की पहचान हुई है जिनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है लेकिन इनमें संक्रमण का असर दिखाई दे रहा है। इन लोगों में हल्के लक्षण दिख रहे हैं जिनके आधार पर इन्हें संदिग्ध माना गया है। इन्हें अलग अलग अस्पतालों में रखा गया है। इन सभी की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट का भी इंतजार है।

दिल्ली में एक हजार के करीब पहुंचे कंटेनमेंट जोन
दिल्ली में कंटेनमेंट जोन एक हजार के करीब पहुंच चुके हैं। हर दिन नए संक्रमित मरीजों के मिलने की वजह से अब तक 924 इलाके पूरी तरह से सील कर दिए हैं। यहां किसी भी तरह की छूट नहीं दी गई है। सिविल डिफेंस के जवानों को तैनात किया है। दिल्ली सरकार के अनुसार माइक्रो कंटनेमेंट जोन पर काम किया जा रहा है। इसके तहत पूरी गली को सील न करते हुए घर या फिर बिल्डिंग को सील किया जा रहा है।

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ओमिक्रॉन को माइल्ड समझने की न करें गलती, कुछ सप्ताह बाद पता चलेगी स्थिति
ओमिक्रॉन का असर मरीजों में हल्का जरूर देखने को मिल रहा है, लेकिन इसे माइल्ड समझने की गलती बिलकुल न करें। अस्पताल, जनता और सरकार सभी को पैनिक होने की जरूरत नहीं है लेकिन सतर्कता बरतने का यही समय है। सभी को आगामी दिनों के लिए तैयारियां करने का वक्त अभी है। इसके बाद स्थिति क्या हो सकती है? इसके बारे में फिलहाल किसी को जानकारी नहीं है।

यह जानकारी देते हुए साकेत स्थित मैक्स अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. संदीप बुद्धिराजा ने बताया कि किसी भी तरह की महामारी का आकलन करने के लिए कुछ वक्त देना जरूरी है। दिल्ली में ओमिक्रॉन के मामले तीन सप्ताह पहले से आना शुरू हुए हैं। उनके यहां भी ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों में लक्षण बहुत हल्के हैं। ज्यादातर ये युवा वर्ग से हैं जो हाल ही में विदेशों से लौटकर आए हैं। हालांकि दिल्ली में कोरोना संक्रमण भी बढ़ रहा है जिसका उसर उनके यहां भी अस्पताल में दिखाई दे रहा है। इन मरीजों में ओमिक्रॉन भी हो सकता है या फिर डेल्टा वैरिएंट भी।

डॉ. संदीप ने कहा कि अभी कुछ भी भविष्य वाणी करने से पहले हमें कुछ वक्त का इंतजार करना चाहिए। जनवरी माह के मध्य तक ही एक तस्वीर समझ आएगी। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन भारत में भी वैसा ही असर दिखा रहा है जो दूसरे देशों में दिख रहा है। अब चूंकि कुछ देशों में गंभीर मामले भी आ रहे हैं। ऐसे में हमें थोड़ा इंतजार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन का मामला अब सामुदायिक प्रसार से जुड़ा है।

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वहीं, लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि मरीजों पर ओमिक्रॉन का हल्का असर जरूर है। लोगों में पैनिक नहीं फैले, इसलिए उन्हें यह पता होना जरूरी है लेकिन दिल्ली में लोग लापरवाह दिखाई दे रहे हैं। इसका नुकसान आगामी दिनों में हो सकता है। डॉ. सुरेश ने भी दिल्ली में कोरोना के सामुदायिक प्रसार पर सहमति जताई है।

इनके अलावा सफदरजंग अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि इनदिनों आम जनता के अलावा सरकार भी ओमिक्रॉन को अधिक गंभीरता से नहीं ले रही है। ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर आधी अधूरी तैयारियों के साथ प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। दिल्ली की बात करें तो यहां ऑफिस, बाजार, सार्वजनिक स्थल सब पहले जैसे चल रहे हैं लेकिन मेट्रो, बस में 50 फीसदी सीटें कम कर दी हैं। 100 फीसदी लोग बाहर निकल रहे हैं लेकिन उनके लिए यातायात प्रतिबंध काफी मुश्किल हो रहा है।