English മലയാളം

Blog

n4373913641667281808861ba470d52c26896d3442066801d987b17efc857474bc6c274fe774cf8749de7c2

गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हुई है। 

दुर्घटना की रिटायर सुप्रीम कोर्ट के जज के नेतृत्व में एसआईटी बनाने और जांच कराने की मांग की गई। PIL में कहा गया है कि ऐसी घटना दोबारा ना हो इसके लिए देशभर में जितने भी पुराने पुल या स्मारक हैं  वहां होने वाली भीड़ को मैनेज करने के लिए सख्त नियम बनने चाहिए।

इस मामले में अभी तक आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।

मच्छू नदी पर बने ब्रिज के गिरने से 134 लोगों की मौत हो गई है। गुजरात सरकार ने मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो नवंबर को राज्यव्यापी शोक की घोषणा की है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की लीडरशिप में एसआईटी बनाकर इसकी जांच की जाए ताकि हादसा का सच बाहर निकलकर आए। इसके अलावा मांग की गई है कि देशभर में जितने भी पुराने पुल और स्मारक हैं वहां पर भीड़ को मैनेज करने के लिए सख्त नियम बनें ताकि ऐसा हादसा फिर कहीं दोबारा न हो।

Also read:  बीजेपी आगामी नगालैंड विधानसभा चुनाव नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेगी

2 नवंबर को राज्यव्यापी शोक

हादसे के वक्त पीएम मोदी गुजरात दौरे पर ही थे। उनके कई कार्यक्रम वहां रद्द कर दिए गए। त्रासदी के बाद की स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें फैसला लिया गया कि मोरबी पुल हादसे के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो नवंबर को राज्यव्यापी शोक की घोषणा की जाए। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ट्वीट किया, गुजरात सरकार ने 2 नवंबर को राज्यव्यापी शोक मनाने का फैसला किया है। राज्य में (राष्ट्रीय) ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई आधिकारिक समारोह नहीं होगा। उन्होंने बताया कि पीएम की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया है।

Also read:  यूपी-बिहार में गहराने लगा सूखाड़ का संकट, मौसम विभाग ने दी राहत भरी खबर यूपी-बिहार में जल्द होगी बारिश

अब तक 134 लोगों की मौत

मोरबी में एक केबल पुल टूटने से 134 लोगों की मौत के एक दिन बाद सोमवार को अहमदाबाद नगर निगम ने शहर में साबरमती नदी पर केवल पैदल चलने के लिए निर्धारित अटल पुल पर लोगों की संख्या को 3,000 व्यक्ति प्रति घंटे सीमित करने का फैसला किया। साबरमती नदी के पश्चिमी छोर पर फूलों के बगीचे और पूर्वी छोर पर कला एवं संस्कृति केंद्र को जोड़ने वाले 300 मीटर लंबे और 14 मीटर चौड़े अटल पुल को 27 अगस्त को पीएम मोदी ने शुरू किया था। यह पुल तब से ही लोगों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन गया है।

हादसे के बाद प्रशासन अलर्ट

इस पुल का प्रबंधन करने वाले साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने एक बयान में कहा, पुल लगभग 12,000 व्यक्तियों के वजन को सहन करने में सक्षम है, लेकिन अहमदाबाद नगर निगम ने मोरबी पुल त्रासदी को देखते हुए अटल पुल पर आगंतुकों की संख्या को सीमित करने का निर्णय लिया है। बयान में कहा गया, एहतियात के तौर पर हमने अटल पुल पर आगंतुकों की संख्या को सीमित करने का फैसला किया है। अब, हर घंटे केवल 3,000 आगंतुकों को प्रवेश दिया जाएगा। प्रति घंटे 3,000 से अधिक व्यक्तियों को पुल पर खड़े होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और बाकी को रिवरफ्रंट पर अपनी बारी का इंतजार करने को कहा जाएगा। साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने कहा कि पुल बहुत मजबूत और सुरक्षित है लेकिन यह निर्णय आगंतुकों की सुरक्षा के लिए लिया गया है। उसने इस मुद्दे पर लोगों से सहयोग की अपील की।