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अग्निपथ स्कीम के खिलाफ सड़कों पर उरतकर हिंसक आंदोलन करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को अब नुकसान की भरपाई करनी पड़ रही है। इस योजना के खिलाफ लगातार तीन दिनों तक हुए हिंसक प्रदर्शन का सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे को उठाना पड़ा था।

 

अब रेलवे ने उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानी आरपीएफ ने सोशल मीडिया को हथियार बनाकर उपद्रव फैलाने वालों की पहचान शुरू कर दी है।

इसमें ट्विटर हैंडल, यूट्यूब प्लेटफॉर्म और व्हाट्सऐप ग्रुप्स शामिल हैं। RPF ने ऐसे दर्जनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ FIR दर्ज कराई है, जिनके द्वारा गलत जानकारी फैलाकर युवाओं को भड़काने की कोशिश की गई। साथ ही IT मिनिस्ट्री से इन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ब्लॉक करने की गुजारिश भी की गई है। अग्निपथ स्कीम से नाराज छात्रों का गुस्सा सबसे ज्यादा बिहार में दिखा और यहां रेलवे को करीब 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

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उपद्रवियों ने बिहार में ट्रेनों की 60 बोगियों और 11 इंजन को नुकसान पहुंचाया

बिहार के अलग-अलग जिलों में ट्रेनों की 60 बोगियों और 11 इंजन को नुकसान पहुंचाया गया. इस मामले में करीब 1800 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हिंसा को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ब्लॉक करने की कार्रवाई जारी है। नई सेना भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सैंकड़ो ट्रेनों को रद्द कराने और आम लोगों को तकलीफ देने वालों के खिलाफ 223 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें RPF की तरफ से 136, जीआरपी ने 40 और स्थानीय प्रशासन ने 47 मामले दर्ज किये हैं।

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आगजनी और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर 1752 गिरफ्तार

आगजनी और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने को लेकर अब तक 1752 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। RPF लगातार CCTV फुटेज, मोबाइल से शूट किए गए वीडियो और सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो को खंगाल रही है। मुमकिन है कि आने वाले दिनों में उसकी कार्रवाई के घेरे में और भी उपद्रवी आ जाएं। जिन उपद्रवियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, उन्हें सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि वे भविष्य में सशस्त्र बलों में कभी भर्ती नहीं हो पाएंगे।अन्य सरकारी नौकरियों में भी उनकी भर्ती खतरे में पड़ गई है।

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