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भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों ने आगाह किया है।

केरल के कोच्चि स्थित IMA में कोरोना टास्क फोर्स के सलाहकार डॉ राजीव जयदेवन (Dr Rajeev Jayadevan) का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्तों में ओमिक्रोन (Omicronके चलते पैदा हुई कोरोना महामारी की तीसरी लहर महानगरों के बाद अब छोटे शहरों और गांव में फैलेगी। उनकी की मानें तो महामारी की लहर हर बार ऐसा ही प्रदर्शन करती है।

डॉ राजीव जयदेवन से पूछा गया कि क्या ओमिक्रोन कोरोना के अन्य वेरिएंट की जगह ले सकता है और क्‍या यह आने वाले दिनों में एक सामान्य सर्दी के रूप में तब्‍दील हो जाएगाइस पर उन्होंने कहा‘यह वास्तव में सच नहीं है यदि आप पिछले दो साल में महामारी के इतिहास को देखें, तो वेरिएंट सभी मर चुके हैं. वास्तव में, ऐसा कोई संस्करण नहीं है जो लंबे समय तक प्जीवित रहे. हां इनके छिटपुट मामले सामने  सकते हैं।’

डॉ राजीव जयदेवन ने दक्षिण अफ्रीका का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी लहरें क्लासिक हैं। उन्होंने कहा, “पहली लहर का मूल वुहान थादूसरी बीटा थीतीसरी डेल्टा थी और चौथी ओमिक्रोन है। मार्च 2021 में भारत वुहान वेरिएंट से प्रभावित हुआ और फिर हम डेल्टा की चपेट में  गए। अब इस सालहम ओमिक्रोन की चपेट में  गए हैं। इसलिए यह काफी आश्वस्त है कि ओमिक्रोन थोड़ी देर प्रभावी रहेगा। इसके लंबे समय तक डेल्टा वेरिएंट की तरह जीवित रहने की संभावना नहीं है। इस समय दोनों समान व्यवहार कर रहे हैं और उनमें से कोई भी दूसरे से अधिक खतरनाक नहीं है।

वहीं कोविड-19 महाराष्ट्र स्टेट टास्क फोर्स के सदस्य डॉशशांक जोशी का कहना है कि भारत में फरवरी के मध्य तक ओमिक्रोन के मामले चरम पर पहुंचेंगे और इसके साथ ही तीसरी लहर का अंत हो जाने की संभावना है। मार्च में मामले बहुत कम हो जाएंगे और उम्मीद है कि अप्रैल के बाद भारत को महामारी के कारण  रहे व्यवधानों से मुक्त हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “यह बहुत तेजी से आई विस्फोटक लहर है और उम्मीद है कि जितनी तेजी से आई हैउतनी ही तेजी से जाएगी।

भारतीय विज्ञान संस्थान और भारतीय सांख्यिकी संस्थान के शोधकर्ताओं ने हाल के अनुमानों में दावा किया है कि देश में जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में एक दिन में 10 लाख से अधिक कोविड के मामले देखे जाने की संभावना है। उस समय तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंचने लगी है।

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