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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में 17 जनवरी की रात पीएचडी की छात्रा से दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को वसंतकुंज (नार्थ) थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रविवार देर शाम मुनिरका से पकड़े गए आरोपी की पहचान मूलरूप से पश्चिम बंगाल निवासी अक्षय दोलई (27) के रूप में हुई है।

पुलिस के मुताबिक आरोपी ने शराब के नशे में वारदात की थी। करीब 1000 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया। आरोपी के कब्जे से छात्रा का मोबाइल, वारदात में इस्तेमाल आरोपी की स्कूटी और कपड़े बरामद हुए हैं। आरोपी भीकाजी कामा प्लेस स्थित मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान पर काम करता था। 
दक्षिण-पश्चिम दिल्ली जिला डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि जेएनयू में छात्रा से दुष्कर्म के प्रयास की सूचना 17 जनवरी को मिली थी। सूचना मिलते ही डीसीपी  टीम के साथ रात को ही मौके पर पहुंच गए थे। मामला दर्जकर एसीपी अजय वेदवाल और वसंतकुंज (नार्थ) थानाध्यक्ष सूर्यप्रकाश की टीम ने जांच शुरू की।

शुरुआती जांच में पता लगा कि जेएनयू के गेट पर रखे रजिस्टर में आरोपी के वाहन की एंट्री नहीं की गई थी। पुलिस ने जेएनयू के सभी गेट, नेल्सन मंडेला मार्ग व रिंग रोड पर लगे करीब 1000 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। जिसके बाद आरोपी अक्षय दोलई को मुनिरका स्थित किराये के घर से रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस के मुताबिक वारदात वाले दिन आरोपी का पत्नी से झगड़ा हुआ था। नाराज होकर पत्नी मायके चली गई थी। उस रात अक्षय ने मकान मालिक के साथ शराब पी थी। मालिक के जाने के बाद उसने बीयर की बोतल पी। पुलिस के मुताबिक नशे की हालत में वह स्कूटी से जेएनयू की तरफ चला गया। रात करीब 11:30 बजे जेएनयू जा रही तीन छात्राओं का पीछा करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हो गया। लड़की पूर्वी गेट की तरफ मुड़कर हॉस्टल में चली गई।

इसी बीच पीड़िता घूमते हुए वहां पहुंची। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने छात्रा को झाड़ियों में खींच कर दुष्कर्म का प्रयास किया। छात्रा ने मोबाइल निकाल कर पुलिस को सूचना देने की धमकी दी तो आरोपी मौके से फरार हो गया। जाते हुए उसने छात्रा का मोबाइल छीन लिया था। छात्रा को झाड़ियों में खींचने के दौरान आरोपी के पैर में चोट लगी थी।

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मोबाइल रिपेयरिंग से पहले करता था रेलवे टिकट की बुकिंग

पुलिस के मुताबिक भीकाजी कामा प्लेस स्थित मोबाइल रिपयेरिंग की दुकान पर काम करने से पहले आरोपी वर्ष 2011 से 2015 रेलवे टिकट बुकिंग का काम करता था। वह हर रोज जेएनयू के रेलवे टिकट काउंटर पर जाता था। इस कारण आरोपी को जेएनयू के भूगोल की पूरी जानकारी थी।

आरोपी तीन छात्राओं को पीछा करते हुए जेएनयू में घुसा था

जेएनयू में पीएचडी की छात्रा के साथ दुष्कर्म के प्रयास का आरोपी अक्षय दोलई तीन छात्राओं को पीछा करते हुए जेएनयू परिसर में घुसा था। छात्राएं जब अपने हॉस्टल में चली गई तो आरोपी को पीड़ित छात्रा पूर्वी गेट के पास घूमते हुए मिल गई। दूसरी तरफ पुलिस की जांच में पुलिस को जेएनयू कैंपस की सुरक्षा में काफी खामियां पाई गई हैं। आरोपी जेएनयू के मेन गेट(उत्तरी गेट) से जेएनयू कैंपस में घुसा था, मगर जेएनयू के सुरक्षा गार्डों ने तो उसे रोका और न ही उससे पूछताछ की। पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ से भविष्य में सहयोग देने की मांग की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जेएनयू छात्र संघ को आंदोलन की बजाय सहयोग करना चाहिए था।

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दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि एसीपी, वसंतकुंज अजय वेदवाल, थानाध्यक्ष सूर्यप्रकाश व इंस्पेक्टर विपिन की जांच में ये बात सामने आई है कि वारदात वाले दिन पत्नी से झगड़ा होने पर आरोपी ने बहुत ज्यादा शराब पी थी। इसके बाद ये जेएनयू की तरफ चला गया। ये जेएनयू के मेन गेट से छात्राओं को पीछा करते हुए जेएनयू कैंपस में प्रवेश कर गया। छात्रा जब हॉस्टल में चली गई तो आरोपी पूर्वी गेट की तरफ मुड़ गया। यहां उसे पीड़ित छात्रा घूमती हुई मिल गई। जहां छात्रा घूम रही थी वहां थोड़ा अंधेरा था। आरोपी ने छात्रा से अश्लील बातें करना शुरू कर दिया। छात्रा ने विरोध किया तो पुलिस को सूचना देने की धमकी दी तो आरोपी ने छात्रा को मोबाइल छीनने की कोशिश की। उसने छात्रा के साथ हाथापाई की और झाडिय़ों में खींचने की कोशिश की। आरोपी छात्रा का मोबाइल लेकर फरार हो गया। वह पश्चिमी गेट से जेएनयू कैंपस से फरार हो गया।

डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि जेएनयू की सुरक्षा में काफी खामियां है। जेएनयू के किसी भी गेट पर न तो कोई चेकिंग होती है और न ही दुपहिया वाहनों की इंट्री होती है। पुलिस के किसी भी गेट पर रजिस्टरों में किसी तरह की प्रवेश व निकास की किसी की भी इंट्री नहीं मिली है। आरोपी आसानी से जेएनयू में प्रवेश कर गया और बाहर निकल गया। कहीं भी उसकी न तो चेकिंग हुई और न ही किसी ने उसे रोका। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जेएनयू में कैंपस के अंदर कोई गश्त भी नहीं होती। साथ ही जेएनयू में लगे सीसीटीवी कैमरों की क्वालिटी भी अच्छी नहीं है। ऐसे में जेएनयू के करीब नौ हजार छात्रों की सुरक्षा खतरे में है।

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जेएनयू हिंसा से नहीं लिया कोई सबक-
जेएनयू प्रशासन ने जनवरी, 2020 में हुई हिंसा से भी कोई सबक नहीं लिया। उस समय भी काफी संख्या में बाहरी छात्र जेएनयू में प्रवेश कर गए थे और बाहरी छात्रों ने जेएनयू में हिंसा की थी। जेएनयू प्रशासन ने उस दौरान कुछ समय के लिए सुरक्षा बढ़ा दी थी। जेएनयू में छात्रा के साथ दुष्कर्म के प्रयास वाली वारदात के बाद जेएनयू की सुरक्षा में काफी खामियां एक बार फिर उजागर हो गई है।

पुलिस चेकिंग के देखकर आरोपी तीन मिनट रूका था
आरोपी जब पश्चिमी गेट से बाहर निकला तो वह नेल्सन मंडेला मार्ग पर आया। यहां पर आगे पुलिस की चेङ्क्षकग चल रही थी। इसके बाद आरोपी यहां पर करीब तीन मिनट रूका था। इसके बाद उसने स्कूटी वापस मोडी और रिंग रोड़ पर पहुंचा गया। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने के बाद पुलिस आरोपी तक पहुंची थी।