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भारत की वैज्ञानिक शक्ति की बड़ी भूमिका है।भारत में डाटा एवं तकनीकी दोनों का विकास हो रहा है। भारत विश्व के प्रथम 10 देशों में शामिल हो चुका है।

भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अनुसंधान पूरे विश्व के लिए मार्गदर्शक साबित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन शब्दों में विज्ञान के क्षेत्र में भारत द्वारा की गई तरक्की पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत की प्रयोगशालाओं में हुए अनुसंधान पूरे विश्व की जरूरतों को पूरा करेंगे।

 

देश के वैज्ञानिक इतिहास रच रहे हैं। ऐसे में अनुसंधानकर्ताओं को अब युवाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए. मोदी राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की मेजबानी में महात्मा ज्योतिबा फुले शैक्षणिक परिसर मे आयोजित 108वें इंडियन साइंस कांग्रेस के उद्घाटन समारोह को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर कर रहे थे।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय विज्ञान और तकनीकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्ष में भारत जिस ऊंचाई में पहुंचेगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।

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आज विज्ञान के क्षेत्र में आरंभ कार्यों को गौर करने पर विश्वास होता है कि भारत विज्ञान के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगाएगा। अनुसंधान के क्षेत्र में रुचि को देशसेवा की संकल्पना से जोड़ने पर अभूतपूर्व परिणाम आएंगे। फिलहाल डाटा एनालिसिस के क्षेत्र का तेजी से विकास हो रहा है। भारत में डाटा एवं तकनीकी दोनों का विकास हो रहा है। कुछ ही वर्षों में देश नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. सुभाष चौधरी एवं इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. विजयलक्ष्मी सक्सेना ने कांग्रेस की संकल्पना पर इस दौरान प्रकाश डाला।

विज्ञान को लैब से निकाल कर जीवन में लाएं

प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 25 सालों के लक्ष्य को रेखांकित करते हुए विज्ञान को लैब से निकाल कर लोगों के रोजाना के जीवन में लाने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैसे आज भारत विश्व के प्रथम 10 देशों में शामिल हो चुका है। 2015 तक देश ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 130 देशों मे 81वें स्थान पर था। स्टार्टअप एवं पीएचडी धारकों के मामलों मे देश पहले तीन देशों में शामिल हो चुका है।

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महिलाओं की हिस्सेदारी से विज्ञान सशक्त होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के महती योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि विज्ञान के विकास से महिलाओं का सशक्तिकरण तो होगा ही, महिलाओं की हिस्सेदारी से विज्ञान भी सशक्त होगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि महिलाओं की हिस्सेदारी से विज्ञान का और विकास करने की अपील की।

सतत विकास एवं महिला सशक्तिकरण व्यावहारिक रूप से भी ये दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। अब तो मुद्रा योजना एवं स्टार्टअप में भी महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है। जी-20 देशों की अध्यक्षता मिलने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें भी महिलाओं के जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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खास बातें

– विज्ञान लैब से निकल कर लैंड तक पहुंचे।

– भारत में हमारे पास दो चीजें बहुतायत में हैं। पहली-डेटा और दूसरी-टेक्नोलॉजी. इन दोनों में भारत को नई बुलंदियों पर पहुंचाने की ताकत है।

– खेल में भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है। प्रतिभाओं को विकसित करने एवं गुरु-शिष्य परंपरा का अस्तित्व और प्रभाव इसका मुख्य कारण है।

-युवा सोचते हैं कि विज्ञान के जरिये पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे युवाओं को प्रोत्साहित करना जरूरी।

-टैलेंट हंट और हैकाथन जरिये साइंटिफिक सोच रखने वाले बच्चों की तलाश की जा सकती है. इन बच्चों की समझ को विकसित किया जा सकता है।

-नई-नई बीमारियों का संकट मंडरा रहा है. हमें नए वैक्सीन तैयार करने के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देना होगा।

-भारत के आह्वान पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है. ये हर भारतवासी के लिए बहुत गौरव की बात है।