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ध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijayay Singh) ने कांग्रेस (Congress) के अध्यक्ष (President) पद का चुनाव (Election) लड़ने के संकेत दिए हैं।

दिग्विजय सिंह ने ये संकेत ऐसे समय पर दिए हैं, जब राजस्थान (Rajasthan) में चल रहे राजनीतिक संकट के बाद अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की संभावनाएं कम हो गईं हैं। वहीं मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, दिग्विजय सिंह और केसी वेणुगोपाल अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हो गये हैं। एक मीडिया हाउस से बातचीत में दिग्विजय सिंह ने चुनाव लड़ने की संभावना जताई है। इससे पहले भी दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं।

 

दिग्विजय सिंह ने क्या कहा

एक मीडिया हाउस से बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के सवाल के जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरे कई दोस्त मुझसे चुनाव लड़ने की कह रहे हैं। 30 सितम्बर तक का इंतजार कीजिये, सारी बातें स्पष्ट हो जाएंगी। 30 सितम्बर कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन की आखिरी तारीख है। दिग्विजय सिंह इससे पहले भी पत्रकारों से बातचीत में चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। तब उन्होंने चुनाव से जुड़े सवाल के जवाब में कहा था कि आप मेरा नाम खारिज क्यों कर रहे हैं। सभी नेताओं को चुनाव लड़ने की छूट है तो मैं भी चुनाव लड़ सकता हूं।

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दिग्विजय सिंह के इस बयान के बाद उनके चुनाव लड़ने की प्रबल संभावनाएं हैं। क्योंकि दिग्विजय सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। दस सालों तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। इसके अलावा उन्हें कांग्रेस आलाकमान का नजदीकी भी माना जाता है। इससे पहले मध्यप्रदेश के ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के भी चुनाव लड़ने की चर्चाएं थीं, लेकिन सोमवार को दिल्ली में उन्होंने खुद इस बात का खंडन कर दिया।

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30 सितम्बर तक नामांकन, 17 अक्टूबर को चुनाव और 19 को नतीजे

कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। 30 सितम्बर नामांकन की आखिरी तारीख है। 17 अक्टूबर को चुनाव होना है, जिसके नतीजे 19 अक्टूबर को आ जाएंगे। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के मना करने के बाद अशोक गहलोत को गांधी परिवार की ओर से चुनाव लड़ाने की तैयारी थी। अशोक गहलोत चुनाव ने चुनाव लड़ने की हामी भी भर दी थी। माना जा रहा था कि शशि थरूर (Shashi Tharoor) से उनका मुकाबला हो सकता है। लेकिन बीते दिनों राजस्थान में जो राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है, उसके बाद अशोक गहलोत के चुनाव लड़ने की संभावनाएं भी कम हो गई हैं। माना जा रहा है कि गांधी परिवार अब उनके ऊपर से हाथ खींच सकता है।

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