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भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद नए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) को लेकर केंद्र सरकार के टॉप लीडरशिप के बीच बैठकों का दौर जारी है। CDS लिए तीनों सेना के कोई भी कमांडिंग ऑफिसर पद में रहते हुए या रिटायर होने के बाद योग्यता के पैमाने पर खरे उतरते हैं। बस उम्र 65 साल से कम होनी चाहिए।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस लिहाज से कई नामों पर चर्चा जारी है। CDS पद के लिए सेना के कमांडिंग आफिसर की शर्त के अलावा कुछ और गुणों की भी तलाश की जा रही है। हालांकि, अभी तक जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे CDS पद के लिए प्रबल उम्मीदवार हैं।

सूत्रों की मानें तो नए CDS के लिए जरूरी शर्तों और क्वालिटीज के लिए जारी की गई लिस्ट में प्राथमिकता के साथ, तीनों सेनाओं के बीच कोआर्डिनेशन, मैनेजमेंट, सरकार के साथ अच्छा तालमेल रखने वाले ब्यूरोक्रेट्स जैसा व्यक्तित्व और आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रति रुचि जैसे अहम गुणों का होना भी शामिल है।

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आखिर केंद्र सरकार के शीर्ष नेतृत्व और खासतौर पर रक्षा मंत्रालय को नए CDS में इन गुणों की तलाश क्यों हैं? रक्षा विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने केंद्र सरकार के शीर्ष नेतृत्व द्वारा नए CDS में खोजे जा रहे इन गुणों की अनिवार्यता को बारीकी से बताया। उनके मुताबिक CDS में 4 गुण बेहद जरूरी हैं…

1. कोऑर्डिनेटर : CDS का पद किसी एक सेना या तीनों सेनाओं की अगुआई करने जैसा नहीं है। इस पद पर नियुक्त व्यक्ति पर तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाने, यानी कोऑर्डिनेटर की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी है।

2. मैनेजर : CDS का पद बेहद नया है। दूसरे देशों में यह व्यवस्था पहले से चल रही है, लेकिन भारत में यह व्यवस्था बिल्कुल नई-नई है। लिहाजा, इस व्यवस्था को बनाने की जिम्मेदारी भी नए CDS पर होगी। इतना ही नहीं, मैनेजर की भूमिका में भी इस व्यक्ति को निपुण होना होगा।

3. मंझा हुआ ब्यूरोक्रेट्स : यह एक ऐसा पद है जो तीनों सेनाओं और सरकार के बीच एक ब्रिज की तरह काम करता है। इसलिए, ब्यूरोक्रेट्स की तरह उसे नीतियों को बनाने और उन्हें समझने में निपुण भी होना चाहिए।

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4.आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रति समझ और रुचि : आधुनिक टेक्नोलोजी को समझने की तो सेना में रिफॉर्म की नींव जनरल बिपिन रावत ने रखी है। इसमें हथियारों के आधुनिकीकरण से लेकर सर्विलांस और साइबर दोनों को आधुनिकतम स्तर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में इन सभी गुणों का CDS पद के लिए चुने गए व्यक्ति में होना अनिवार्य होगा।
जानकारों की मानें तो एम एम नरवणे और बिपिन रावत के बीच अच्छे संबंध थे। रक्षा मंत्रालय सूत्रों की मानें तो आर्मी चीफ जनरल के पद के लिए बिपिन रावत ने ही नरवणे के नाम का प्रस्ताव दिया था। बिपिन खुद इस पद पर नरवणे से पहले तैनात थे। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक नरवणे बिपिन की योजनाओं के प्रति काफी हद तक अवेयर थे।
पूर्व CDS जनरल बिपीन रावत तीनों सेना प्रमुखों के साथ

इस लिहाज नए CDS पद के लिए संभावित नामों की सूची में वे सबसे कम वक्त में बिपिन रावत का कार्यभार संभालने में सक्षम होंगे। इसके अलावा नरवणे को करीब से जानने वाले लोगों के मुताबिक वे कुशल कोआर्डिनेटर होने के साथ-साथ सरकार और सेना के बीच सेतु का कार्य करने में भी सक्षम होंगे। वे सरकार के शीर्ष नेतृत्व के बेहद करीब हैं। वे टेक्नोलॉजी में भी गहरी रुचि रखते हैं।

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रक्षा विशेषज्ञ सुशांत सरीन कहते हैं, ‘अगला CDS कौन होगा यह कंफर्म होकर नहीं कहा जा सकता है; क्योंकि सरकार बेहद गोपनीयता और वर्तमान जरूरतों को देखते हुए उसे चुन रही है, लेकिन अनुभव और मानकों को देखें तो नरवणे इस दौड़ में सबसे आगे दिखाई देते हैं।

इसके अलावा वे जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट में काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं। आज की स्थिति को देखते हुए यह दोनों ही इलाके सुरक्षा के लिहाज से सेंसिटिव हैं। लिहाजा नरवणे कई मानकों पर खरे उतरते हैं।