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उत्तराखंड की सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा को चंद वंश राजाओं द्वारा बसाया गया था। यह उनकी राजधानी हुआ करती थी। चंद वंश के समय की निशानियां आज भी यहां देखने को मिलती हैं।

 

उन्हीं में से एक है अल्मोड़ा के कचहरी बाजार के पास स्थित मल्ला महल, जो कि लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। इस महल का निर्माण चंद वंश राजाओं के द्वारा करीब 1570 में कराया गया था। बताया जाता है कि इस महल को राजा रुद्र चंद ने बनवाया था। उसके बाद 1790 में गोरखाओं ने आक्रमण किया और इस पर कब्जा कर लिया। 1815 में अंग्रेज यहां आए और उन्होंने इस महल में कुमाऊं कमिश्नर कार्यालय संचालित किया। अब इस ऐतिहासिक महल को म्यूजियम बनाया जा रहा है।

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इससे पहले मल्ला महल में कलेक्ट्रेट संचालित होता था, लेकिन अब यहां से कलेक्ट्रेट शिफ्ट हो गई है और अब इस मल्ला महल को म्यूजियम का रूप दिया जा रहा है। यहां आपको मल्ला महल और रानी महल देखने को मिलता है। अल्मोड़ा के मल्ला महल में फर्स्ट फेज का कार्य चल रहा है, जो आधा हो चुका है। अल्मोड़ा में कई महान विभूतियां आ चुकी हैं, उन सभी की फोटो और उनका जीवन परिचय फोटो गैलरी के तौर पर रानी महल में लगाया गया है, जिसको जल्द ही पूरा तैयार होने के बाद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।

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इसके अलावा इस महल में म्यूजियम के अलावा उत्तराखंड की संस्कृति और उनसे जुड़ी तमाम चीजें रखी जाएंगी। इस ऐतिहासिक महल को म्यूजियम का रूप दिया जा रहा है, जिसमें सुबह से लेकर शाम तक यहां लोग काम कर रहे हैं। इस मल्ला महल और रानी महल को पुराने स्वरूप में लाने के लिए स्थानीय कारीगर ही काम कर रहे हैं।

पर्यटन अधिकारी अमित लोहनी ने बताया कि अल्मोड़ा के मल्ला महल और रानी महल को म्यूजियम का रूप दिया जा रहा है। पहले चरण का आधा काम हो चुका है। रानी महल में अल्मोड़ा में आई महान विभूतियों की फोटो गैलरी लगाकर उनका जीवन परिचय लग चुका है। इसके अलावा उत्तराखंड की संस्कृति और अल्मोड़ा से जुड़ी तमाम चीजों को यहां रखा जाएगा और स्थानीय लोगों के साथ पर्यटक इनको देख सकेंगे। इसके अलावा रानी महल के ठीक बगल में मंच बनाया गया है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा अन्य कार्यक्रम यहां कलाकार प्रस्तुत कर सकेंगे।

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