सम्मेलन में शामिल होने इंदौर आए श्रीलंका और कतर के प्रवासी भारतीयों को भाया शहर, इंदौर की जमकर की तारीफ।
सम्मेलन में शामिल होने आए प्रवासी भारतीय पिछले तीन दिनों से शहर में घूमकर अपने साथ इंदौर की सुखद स्मृतियां बटोर रहे हैं। उन्हें इंदौर की स्वच्छता व सुंदरता तो पसंद आई ही, वे शहरवासियों के मददगार व सहयोग भरे रवैये के भी कायल हो गए। खानपान के लिए प्रसिद्ध शहर इंदौर में मिले जायकों के चटखारे भी उनके जुबां पर चढ़ गए। ठंड में शहर के सुहाने मौसम ने भी प्रवासी भरतीयों की यात्रा को सुखद बना दिया।
सहयोग व मददगार लोगों के अच्छे अनुभव लेकर जा रहे
श्रीलंका से आए एनआरआइ एम राजेन्द्रन ने बताया कि वे अहमदाबाद, बेंगलुरु व देश के अन्य शहरों में हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल हो चुके हैं। वहां पर उनके साथ धोखाधड़ी जैसे कई वाकये हुए, लेकिन इंदौर में ऐसा कोई भी अनुभव नहीं मिला। यहां पर परिवहन भी सस्ता है। सभी लोग सहयोगी और मददगार ही मिले हैं। इंदौर से हम काफी अच्छे अनुभव लेकर जा रहे हैं। सतीश कुरनेल ने बताया कि श्रीलंका में अभी काफी चुनौतियां हैं। हमें उम्मीद है कि भारत सरकार के सहयोग से श्रीलंका की सरकार अपने मौजूदा विकट हालातों से बाहर आएगी। श्रीलंका के राज्य शिक्षा मंत्री अरविंद कुट्टा ने बताया कि इंदौर का मौसम काफी सुहाना है और यहां के भोजन का स्वाद व सफाई व्यवस्था भी काफी बेहतर है। वे श्रीलंका व मप्र में यूनिवर्सिटी व कालेजों के साथ पूर्व में हुए कुछ अनुभव के आधार पर छात्रों की शिक्षा की बेहतरी के लिए प्रयास कर रहे हैं। भारत में डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर काम हुआ है।
महाकाल के दर्शन किए और राजवाड़ा देखा
कतर से आए दीपक, श्रीदुर्गा भवानी, अनुपमा और प्रसाद को इंदौर की सफाई बहुत पसंद आई। वे आटो में बैठ शहर घूमे। महाकाल दर्शन के लिए सोमवार रात 2 बजे उज्जैन गए और अलसुबह भस्मारती में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि महाकाल के दर्शन कर हम अभिभूत हो गए। मंगलवार को राजवाड़ा देखा। इंदौर का ऐतिहासिक राजवाड़ा काफी बेहतर है। यहां पर की गई रोशनी व सजावट भी बहुत सुंदर है। यदि कभी मौका मिला तो हम अगली बार फिर से इंदौर आएंगे।