भारत ने गुरुवार को ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल (BrahMos Air Launched missile) के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। सुखोई लड़ाकू विमान से (Su-30 MKI) इस मिसाइल का परीक्षण किया गया।
भारतीय वायु सेना ने इसकी जानकारी दी. वायुसेना के मुताबिक, मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में लक्ष्य पर सीधा प्रहार किया। आईएएफ के मुताबिक, Su-30 MKI विमान से ब्रह्मोस मिसाइल के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का यह पहला प्रक्षेपण था। इसके साथ ही वायुसेना ने इस विमान से लंबी दूरी पर (जमीन/ समुद्र) निशाना साधने की क्षमता हासिल कर ली है।
It was the first launch of the Extended Range version of the BrahMos missile from Su-30MKI aircraft. With this, the IAF has achieved the capability to carry out precision strikes from Su-30MKI aircraft against a land/ sea target over very long ranges: Indian Air Force
— ANI (@ANI) May 12, 2022
पिछले महीने भारत ने सुखोई फाइटर जेट से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। ये परीक्षण पूर्वी समुद्री तट पर किया गया था। वायुसेना ने जानकारी देते हुए बताया था कि मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने में सफल रही है। ब्रह्मोस मिसाइल का टारगेट भारतीय नौसेना का एक खराब जहाज था, जिसपर उसने सीधा प्रहार किया था।
लक्ष्य पर सीधा किया प्रहार
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 2016 में ब्रह्मोस के हवा से मार करने में सक्षम संस्करण को 40 से अधिक सुखोई लड़ाकू विमानों में जोड़ने का निर्णय किया था। इस परियोजना की कल्पना समुद्र या जमीन पर किसी भी लक्ष्य पर बड़े स्टैंड-ऑफ रेंज से हमला करने की भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए की गई थी।
सबसे खतरनाक मिसाइल है ब्रह्मोस
बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल की गिनती 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में की जाती है। ये मिसाइल 4300 KM प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर सकती है। साल 2016 में सरकार ने ब्रह्मोस के एयर-लॉन्च किए गए वर्जन को 40 से ज्यादा सुखोई फाइटर जेट्स में इंटीग्रेट करने का फैसला लिया था। ब्रह्मोस दुनिया की इकलौती ऐसी मिसाइल है, जिसे सतह, हवा और पानी तीनों ही जगहों से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि ये मिसाइल किसी भी वॉरशिप, सबमरीन, फाइटर जेट या फिर मोबाइल लॉन्चर की सहायता से आराम से फायर की जा सकती है।