बिहार महागठबंधन सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने एक बार फिर से बगावत कर दिया है। उनके बेटे संतोष मांझी मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के ऐलान के बाद मीडिया से बात करते हुए संतोष ने कहा कि उनकी पार्टी का अस्तित्व खतरे में था, उसे बचाने के लिए ये किया, मैं महागठबंधन आज भी रहना चाहता हूं।
नीतीश कुमार लगातार हमसे विलय करने के लिए कह रहे थे
संतोष मांझी ने कहा कि जडयू चाहती है कि हम अपनी पार्टी को उनके साथ मर्ज कर दें। लेकिन हमें ये मंजूर नहीं हैं। हम अकेले संघर्ष करेंगे। हमें जदयू में विलय नहीं करना है। नीतीश कुमार लगातार हमसे विलय करने के लिए कह रहे थे, लेकिन हमने इनकार कर दिया। संतोष सुमन ने कहा, हम बीजेपी के साथ जाएंगे या नहीं ये अलग बात है।
मांझी ने कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, हम अकेले भी चुनाव लड़ सकते हैं। आगे क्या होगा इस पर सभी से चर्चा करके फैसला लिया जाएगा। हमारी पार्टी ने खुद को महागठबंधन से अलग कर लिया है। हम तो रहना चाहते थे लेकिन बड़ी पार्टियां हमकों नहीं रखना चाहती हैं। पार्टी का अस्तित्व खत्म करना चाहती हैं तो हमने महागठबंधन से अलग होने का भी फैसला लिया है।
नीतीश से नाराज चल रहे थे जीतनराम मांझी
सीएम नतीश कुमार से जीतनराम मांझी नाराज चल रहे हैं। दरअसल नीतीश कुमार 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में जीतनराम को न्योता नहीं दिया गया है। सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने खुलकर स्वीकार किया था कि उन्हें विपक्षी एकता के नाम पर पटना में होने वाली बैठक के लिए बुलावा नहीं मिला है।
संतोष मांझी के इस्तीफा देने से एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी। मीडियाकर्मियों ने उनके पूछा कि आप मजाक तो नहीं कर रहें? जवाब देते हुए मांझी ने कहा कि आपको जो समझना है समझिए लेकिन हमारी पार्टी एक भी सीट पर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। हालांकि जीतन राम मांझी ने कुछ दिन पहले नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इस दौरान उनके साथ उनके बेटे संतोष भी मौजूद थे। तब उन्होंने नीतीश के सामने मांग रखी थी कि उनकी पार्टी 5 लोकसभा सीट दिया जाए।