नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाया। DGCA ने स्पाइसजेट एयरलाइंस पर अपने बोइंग 737 मैक्स विमान के पायलटों को एक दोषपूर्ण सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण देने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 30 मार्च 22 को सीएसटीपीएल ग्रेटर नोएडा में डीजीसीए द्वारा सिम्युलेटर निगरानी के दौरान, यह देखा गया कि पी2 साइड पर स्टिक शेकर के संबंध में बी737 मैक्स के लिए एक एमएमआई (गुमशुदा खराबी निष्क्रिय आइटम) था, 17 मार्च 2022 से निष्क्रिय है।
डीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया-
डीजीसीए के वरिष्ठ अधिकारी ने आगे बताया कि स्पाइस जेट के पायलटों के लिए आरटीएस (रिटर्न टू सर्विस) प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए सिम्युलेटर का संचालन किया जा रहा था जो कि लागू एमएमआइ आइटम का उल्लंघन था। उन्होंने कहा कि पिछले महीने स्पाइसजेट के 90 पायलटों को ठीक से प्रशिक्षित नहीं होने के बाद मैक्स विमान के संचालन से रोक दिया था। पायलटों को प्रतिबंधित करने के बाद नियामक ने एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
इससे पहले इंडिगो एयरलाइंस पर लगा था जुर्माना
बता दें कि हाल ही में इंडिगो एयरलाइंस पर, विमानन नियामक डीजीसीए ने सात मई को रांची हवाईअड्डे पर दिव्यांग बच्चे को बोर्डिंग से इन्कार करने पर इंडिगो एयरलाइन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। 7 मई को रांची हवाई अड्डे पर इंडिगो ग्राउंड स्टाफ द्वारा विशेष रूप से दिव्यांग बच्चे को संभालने में कमी थी और इसने स्थिति को बढ़ा दिया। इंडिगो ने 9 मई को कहा था कि लड़के को रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि वह दहशत में दिख रहा था। चूंकि, लड़के को बोर्डिंग से प्रतिबंधित कर दिया गया था, उसके साथ पहुंचे माता-पिता ने भी विमान में प्रवेश नहीं करने का फैसला किया। डीजीसीए ने नौ मई को घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया था।